क्यों पता नहीं , पर हर रोज कुछ कमी सी महसूस होती है | दुनिया इतनी बदल गयी या फिर मै बहोत बदल गया | बचपन की चाह अलग थी, शौक अलग थे | अब कुछ और बन गए है | किताबो से जो लगाव था, वो अब भी है बस किताबे पढ़ नहीं पता हु |
९ बजे से ६ बजे तक ऑफिस जाता हु | वापिस लौटता हु, तो या तो टीवी चलता है या फिर कंप्यूटर चलता | अकेला था तो कुछ तो पढ़ लेता था कुछ तो ज्ञानार्जन हो जाता | शादी ने तो सब कुछ बंद करवा दिया | इन्टरनेट के ज़माने में कितोबो की क्या कमी है, इतना आसन नहीं है के बुक के सामान इन्टनेट पे पद लो.
फिर पिच्छे मुड के देखा के ज्ञान के मामले में कितने पानी में है | खुदको मिलो दूर पाया | तब ख्याल आया के अब कुछ ज्ञान बटेरो, कुछ लोगो से लो, कुछ लोगो को दो | बस यही ये ब्लॉग लिखने का कारन है| विषय तो कोई एक नहीं होगा, बस जो अच्छा लगा वो पढ़ लिया, जो अच्छा दिखा लिख लिया |
जो इसे पढ़े अपनी राय दे तो हमेशा इस सुधरने की कोशिश होगी, और कोई इस सफ़र में शामिल होना चाहे तो उन सब का तहे दिल से स्वागत है ||
धन्यवाद्
अलिप्त सा
Thursday, June 11, 2009
कुछ शब्द इस ब्लॉग के बारे में ....
Labels: ब्लॉग के बारे में ....
Posted by Anonymous at 10:57 PM
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